साथ में जी लूं या जीते जी मर जाऊँ
अपना सब कुछ तुझको अर्पण कर जाऊँ।
तेरी खातिर छोड़ दिया घर बार अपना
बोल मैं क्या मुँह लेकर अपने घर जाऊँ।
दुनिया की सारी दौलत इक और करूँ
तेरा साथ अगर पाऊं तो तर जाऊँ।
दिल का कोना खाली खाली लगता है
मिल जाए जो साथ तेरा तो भर जाऊँ।
मेरा बस इक ख़्वाब है मोहित जीवन में
कुछ नेकी के काम जहां में कर जाऊँ।