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Saturday, 5 October 2024

जिनको तू अपना कहता है

जिनको तू अपना कहता है 

जिनको तू सपना कहता है

छोड़ न जाना साथ कभी भी

कुछ भी हो हालात कभी भी।


जीवन में एक क्षण आयेगा

तेरा साहस घिर जायेगा

पर तू आगे बढ़ते जाना

पर्वत पर्वत चढ़ते जाना

कितना भी दुर्गम रस्ता हो

सौदा महँगा हो सस्ता हो

अपनों का तू साथ निभाना

सपनों का तू साथ निभाना

जीवन का धिक्कार न करना

हर पल हाहाकार न करना

किसी अजाने के सम्मुख तू

दुखड़ों का उद्गार न करना।

तेरे दुखड़े पर देगी ना

दुनिया तेरा साथ कभी भी।

कुछ भी हो हालात कभी भी।


कितना भी मुश्किल जीवन हो

 जीवन जीना ही पड़ता है

 विष मानो या अमृत मानो

 इसको पीना ही पड़ता है।

जीवन में सब साथ निभाएं

यह ज़रूरी बात नहीं है।

सभी परिश्रम वाले दिन हैं

सुखमय कोई रात नहीं है।

जीवन का एक लक्ष्य बनाना

कठिन परिश्रम करते जाना

उसे एक दिन पा जायेगा

परिश्रम तेरा रंग लायेगा

जल्दी पाने को मंज़िल दूजो का

थाम न लेना हाथ कभी भी ।

कुछ भी हो हालात कभी भी।

कुछ भी हो हालात कभी भी।


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