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Saturday, 5 October 2024

प्यार मुझको मिला तेरा सौगात में

प्यार मुझको मिला तेरा सौगात में

जीत मेरी हुई इश्क़ की मात में 


अपने हाथों को तुम दो मिरे हाथ में

साथ देने का वादा करो साथ में


ये दरख़्त इतनी गर्मी तपन झेल कर

उठ खड़े होंगे दोबारा बरसात में।


तोड़ कर दिल मिरा वो भी चलते बने

जिन पे आया था दिल इक मुलाक़ात में।


न बुझेंगे मिरे हौसलों के चराग़ 

ऐ हवाओं ज़रा रह लो औक़ात में।


जाँ से प्यारे थे जो भी तिरे 'मुंतज़िर'

वो खफ़ा हो गये बस ज़रा बात में।  


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