भोर आ जाओ गगन में शुभ्र ला जाओ गगन में मैं तुम्हारी बाट जोहूँ आज बैठा हूँ चमन में। आओगे निज धाम से ये बात है विश्वास में पुष्प पल्लव दल सभी ...
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Archives for 2024
Thursday, 10 October 2024
सुनो संगी चमन वीरों तुम्हारा सत्य हो सपना
सुनो संगी चमन वीरों तुम्हारा सत्य हो सपना हौसला दिल में उम्मीदें निगाहें लक्ष्य पर रखना। जो है संकल्प करता तू अटल स्वलक्ष्य पाने को रगो में ...
परम पुनीता इस धरा पर देवसरिता बह रही है
परम पुनीता इस धरा पर देवसरिता बह रही है छलछलाती तट पे जाती देववाणी कह रही है। युगों- युगों से देव गंधर्व, यक्ष, मानव वास करते सत्य की वाणी क...
भाग्य विधाता लोकतंत्र के
कितनी ही मेहनत करके दो जून रोटियां पाते हैं भाग्य विधाता लोकतंत्र के सड़कों पर रात बिताते हैं। अफ़सोस नहीं हो रहा उन्हें जो कद्दावर बन बैठे...
गढ़वाली कविता- नृसिंगो घड़यालु
नृसिंगो घड़यालु लगयूं , गौं का सभी कट्ठा होयां परिवारा सोरा भारा, कुछ कुछ त खट्टा होयां कै पर क्वी दयबता औणु,कै पर घर्योंन लगयूं क्वी क्वी ल...
गढ़वाली कविता- पंचैती चौक
जबरी हमारा पूर्वजोंन नयु नयु गों बसे होलु तबरी अपणा कुडू बीच चोडु पुंगड़ू बनै होलु केन ह्युंद आण पर अपणा गोरु बांधी होला केन सूखे होला तख अप...
बसज्ञाल -घनाक्षरी
रूमझुम तण मण बरखणु बसग्याल जगा जगा पाणी का स्रोत फूटण लग्यां बेटी ब्वारी तिर्पिंड इकलवास्या धाणि पर कोदा झंगोरा की हेरी सार गोडण लाग्यां छोर...
हाइकु
बेपरवाह है फिरता दर दर रमता जोगी। चलते जाओ यही तो है जीवन नदिया बोली जनता से ही करता है सिस्टम आंखमिचोली। घूमो जाकर किसी ठेठ गांव में भारत ढ...
दोहे
नेता जी परदेश में , बीच किनारे सोय। जनता अपने भाग्य पे,बैठी बैठी रोय। शरद महीने में लगे, बड़ी सुहानी धूप । दोपहरी में जेठ की , देखो असली रू...
Saturday, 5 October 2024
जिनको तू अपना कहता है
जिनको तू अपना कहता है जिनको तू सपना कहता है छोड़ न जाना साथ कभी भी कुछ भी हो हालात कभी भी। जीवन में एक क्षण आयेगा तेरा साहस घिर जायेगा पर तू...